भोपाल में पहली कक्षा के 10 फीसदी बच्चे पढ़ पाते हैं शब्द
भोपाल। बीते रोज जारी हुई शिक्षा की वार्षिक रिपोर्ट ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा की पोल खोल दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी में ही पहली क्लास के सिर्फ 10 फीसदी बच्चे ही शब्द पढ़ पाते हैं। यही नहीं इसमें बताया गया है कि तीसरी क्लास के 75 फीसदी बच्चे पहली कक्षा के स्तर तक का पाठ नहीं पढ़ पाते हैं। गौरतलब है कि देश में बच्चों की शिक्षा की दशा-दिशा का जायजा लेने वाली वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट असर 2019 अर्ली इयर्स को राजधानी सहित देशभर में जारी की गई है।
जारी रिपोर्ट ग्रामीण भारत के 3 से 16 आयु वर्ग के विद्यालय में नामांकन की स्थिति और 5 से 16 आयु वर्ग के बच्चों की बुनियादी पढऩे और गणित करने की क्षमता पर आधारित है। मप्र में भोपाल व सतना जिले में सर्वे किया गया है।
चार साल तक के बच्चों का स्कूल में नामांकन नहीं चार साल की उम्र में भोपाल में 17.9 फीसदी बच्चे और सतना में 17.2 फीसदी किसी भी तरह के प्री स्कूल या स्कूल में नामांकित नहीं हैं। यह आंकड़ां पांच साल की उम्र में भोपाल में 6.5 व सतना में 7.4 फीसदी है।
लड़कियों के साथ भेदभाव इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लड़के निजी व लड़कियां सरकारी संस्थाओं में ज्यादा नामांकित है। उम्र के साथ यह अंतराल बढ़ता जाता है। 4 व 5 वर्ष के बच्चों में से 56.8 फीसदी लड़कियां व 50.4 फीसदी लड़के सरकारी पूर्व प्राथमिक या प्राथमिक विद्यालय में नामांकित है। जबकि 43.2 फीसदी लड़कियां और 49.6 फीसदी लड़के निजी पूर्व प्राथमिक या प्राथमिक विद्यालय में नामांकित है। 6 से 8 वर्ष के बच्चों में सभी लड़कियों में से 61.1 फीसदी लड़कियां और सभी लड़कों में से 52.1 फीसदी लड़के सरकारी पूर्व प्राथमिक या प्राथमिक विद्यालय में नामांकित है।
दो शब्द की पहचान नहीं कर पाते 70 फीसदी बच्चे
असर की रिपोर्ट में सामने आया कि पहली लास में लगभग 70 फीसदी बच्चे दो अंकों की संख्या पहचान नहीं कर पाते। जबकि तीसरी में 42.7 फीसदी बच्चे नहीं पहचान पाते। सतना के हालात इससे बेकार है। यहां पहली लास में मात्र 24.3 फीसदी बच्चे ही दो अंकों की पहचान कर सकते है, जबकि तीसरी क्लास में 56.2 फीसदी बच्चे कर सकते है।
स्कूल शिक्षामंत्री प्रभु चौधरी कल जाएंगे यूनाइटेड किंगडम
स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अब स्कूल शिक्षामंत्री डा. प्रभुराम चौधरी यूनाइटेड किंगडम जाएंगे। साथ में आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत भी होगी। मंत्री डा. चौधरी ने बताया कि यूके में शिक्षामंत्रियों का सम्मेलन है। जिसके लिए 18 जनवरी को रवाना होंगे। सम्मेलन के साथ स्कूली शिक्षा व्यवस्था का जायजा भी लेंगे।
फिर साउथ कोरिया जाने की तैयारी में जुटे अफसर
प्रदेश की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के लगभग सभी अधिकारी समेत कर्मचारी साउथ कोरिया का दौरा कर चुके है। साउथ कोरिया के दौरे के बाद जमीनी स्तर पर इसे भले ही लागू नहीं किया गया हो, लेकिन अब कुछ अधिकारी दोबारा साउथ कोरिया के दौरे पर जाने की तैयारी कर रहे है। फरवरी में भी साउथ कोरिया के लिए एक दल भेजा जा रहा है।