नाथ सरकार की 28 हजार 'कृषक मित्रों पर गिरी गाज, सेवा समाप्त


भोपाल। नए वर्ष पर जहां लोग अच्छे तोहफे का इंतजार करते हैं वहीं कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के 28 हजार लोगों को बड़ा झस्टका देते हुए उनकी सेवाएं ही समाप्त कर दीं , जिससे उनके सामने दो जून की रोटी का बड़ा सकंट खड़ा हो गया है। इन सभी को आठ साल पहले शिवराज सरकार के दौरान मानदेय पर रखा गया था।


अब 28 हजार से अधिक कृषक मित्रों एवं दीदियों की कमलनाथ सरकार ने सेवा समाप्त कर दी है। इनकी नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। नौकरी के लिए निर्धारित आयु पार कर चुकने की वजह से अब ये किसी काम के नहीं रह गए। नौकरी से अचानक निकाले गए प्रदेशभर के कृषक मित्र और दीदियां मप्र हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में जुट गए है। इसके लिए वो मप्र के राज्यपाल लालजी टंडन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन्हें साल में सिर्फ 6000 रुपए मानदेय मिलता था। इतने कम मानदेय में भी ये अपनी सेवाएं किसानों के बीच देते थे। उन्हें यह उम्मीद थी की राज्य की कमलनाथ सरकार इनके काम को देखते हुए इनकी सेवाएं निरंतर रखकर उनका मानदेया बढ़ाएगी, लेकिन अब तो उनकी सेवाएं ही समाप्त कर दी गई हैं। अब इनकी जगह अप्रशिक्षित कृषक मित्रों और दीदी की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। जबकि इन्हें पिछले सात साल में कृषि विभाग ने इतना दक्ष कर दिया कि इन्हें किसी प्रशिक्षण की जरूरत ही नहीं। अब नए जो भर्ती होंगे वो किसानों के बीच क्या काम करेंगे। इस पर सवाल उठना लाजमी है।
एक साल मानदेय का इंतजार 
कृषक मित्र अनिल कुमार मिश्र के मुताबिक प्रदेश के जिन कृषक मित्र और दीदी को नौकरी से बाहर किया गया है, उनमें से अधिकांश को पिछले एक साल से वेतन नहीं दिया गया। इसी तरह रीवा जिले के ब्लाक मऊगंज में कृषक मित्रों/दीदी का एक साल से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि 18/10/2018 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि भवन नई दिल्ली से वेतन बढ़ाने का आदेश भी हो चुका था। आदेश में यह भी था कि अभी जिन कृषक मित्र/दीदी को सालाना छह हजार रुपए मिल रहा है, उनका मानदेय एक हजार रुपए महीना किया जाए, लेकिन मप्र सरकार ने मानदेय बढ़ाना तो दूर 28 हजार कृषक मित्र/दीदी को नौकरी से ही निकाल दिया है।
कलेक्टर होते हैं बोर्ड के अध्यक्ष
भारत सरकार सहायतित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्टेंशन (आत्मा) के पुनरीक्षित मार्गदर्शी निर्देश के अनुसार ग्रामीण स्तर पर कृषक एवं प्रसार तंत्र के बीच जीवंत संबंध स्थापित करने की दृष्टि से दो आबाद ग्रामों पर एक कृषक मित्र चयनित करने का प्रावधान है। जिलों में कलेक्टर सह अध्यक्ष आत्मा गवर्निंग बोर्ड होते हैं। इसी जनवरी माह में ही नई चयन भर्ती पूरी होनी है। लेकिन वहीं कहा जा रहा है कि रीवा के डीडीए ने जिले में मौखिक रूप से कह दिया गया है कि जिन कृषक मित्र और दीदी को पद से पृथक कर दिया गया है, वो पात्र नहीं माने जाएंगे।