कमलनाथ सरकार लाएगी ट्राइबल सबप्लान 

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने किया ऐलान



भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार एससी/एसटी वर्ग के हित संरक्षण के लिए ट्राइबल सबप्लान लाएगी। यह जानकारी आज प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान दी। इससे पहले विधि विधायी कार्यमंत्री पीसी शर्मा ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान (एक सौ छब्बीसवां संशोधन) विधेयक 2019 लोक सभा एवं राज्य सभा की कार्यवाहियां तथा उक्त संशोधन के अनुसमर्थन के लिए प्राप्त राज्य सभा सचिवालय की सूचना पटल पर रखी साथ ही संकल्प प्रस्तुत किया कि संविधान के अनुच्छेद 334 के खंड (ख) के प्रावधान की अवधि 10 साल और बढाई जाए। इसके बाद विस अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने संकल्प पर चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों से अनुरोध किया कि संकल्प पर संक्षेप में चर्चा करें। संकल्प चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमनाथ ने कहा कि यह संकल्प लोकसभा, राज्य सभा में पारित हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह संकल्प संविधान निर्माताओं ने उस समय दस साल के लिए पारित किया था। उन्होंने तब सोचा था कि हमारे समाज के शोषित, पीडित और दलित भाई-बहनों का दस साल में उदधार हो जाएगा, लेकिन दुख के साथ कहना पड रहा है कि पिछले सत्तर साल में यह नहीं हो सका। इन्हीं शोषित, पीडित और दलित समाज के लोगों को बराबरी पर लाने के लिए यह संकल्प हर बार दस साल के लिए बढाते रहे। लोकसभा और राज्यसभा में सबने यह अहसास किया कि इसकी जरुरत अभी भी है। मेरा भी सदन से यही निवेदन है कि सभी सर्व सहमति से इस संकल्प को पारित करे। उन्होंने कहा कि इसी वंचित, शोषित और पीडित वर्ग की भलाई के लिए राज्य सरकार एक सबप्लान भी लाएगी। इसका समर्थन करते हुए विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि भाजपा विधायक दल इसका पूरजोर तरीके से समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि सबप्लान के लिए हमारे कुछ सदस्य विचार व्यक्त करना चाहेंगे और सभी इसका समर्थन कर देंगे। 
 इसके बाद विस अध्यक्ष ने सर्वप्रथम पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा का नाम संकल्प चर्चा के लिए पुकारा। संकल्प चर्चा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि जो संकल्प पेश किया गया है उसमें सरकार की मंशा साफ नहीं लग रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शर्तों के साथ संकल्प पेश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार आखिर चाहती क्या हैं। उन्होंने कहा कि जो प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प पास किया है उसपर कंडीशन लगा दी गई यह सही नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि क्या आप संविधान में संशोधन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शर्ते हटाकर दूसरा संकल्प लाए। सरकार जानबूझकर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि आप इस संकल्प को टालना नहीं चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में एससी/एसटी वर्ग ने प्रगति नहीं की है। बराबरी पर नहीं आ पाए है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 35 साल में जापान बन गया लेकिन हम 70 साल में बराबरी पर नहीं ला पाए। उन्होंने सवाल किया कि वह दिन कब आएगा जब इस वर्ग के लोग खुद कहेंगे कि हम अब बराबर है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की परंपरा है कि सभी को बराबरी के अवसर प्राप्त हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम ने भी सबरी के जूठे बेर खाए थे। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुंभ मेले के दौरान सफाई कर्मियों के पैर धोकर उन्हें टॉवेल से पोछा था उन्हें सम्मानित किया था। श्री शर्मा के इस उदाहरण पर आपत्ति जताते हुए मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि यह सब बता कर विपक्षी सदस्य क्या साबित करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विषय भटकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे एससीएसटी वर्ग के लोगों का उदधार नहीं होने वाला।समाचार लिखे जाने तक विधानसभा में चर्चा जारी थी।